विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश भारत पाँच किस्मों के रेशम का उत्पादन करता है यथा शहतूत, तसर, ओकतसर, एरी और मूंगा । भारतीय रेशम उत्पादन आज एक स्थापित विकासशील और सुव्यवस्थित उद्योग के रूप में पूरे देश में फैल चुका है । वर्तमान में भारत का रेशम उत्पादन 16000 टन है और निर्यात से रु. 2700 करोड़ से अधिक की आमदनी होती है । रेशम उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति केन्द्रीय रेशम बोर्ड और इसके विभिन्न अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों के फलस्वरूप हुआ है ।
इस देश के अनुसंधान संस्थाओं द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी ने रेशम उद्योग को परंपरागत कुटीर उद्योग से आधुनिक और अधिक लाभप्रद उद्योग के रूप में परिणत कर दिया है । रेशम उद्योग के निरंतर विकास में सुव्यवस्थित आधारभूत संरचना, अनुसंधान, प्रशिक्षण और विस्तार प्रणाली, सरकारी विधेयक एवं नीतियाँ, निजी भागीदारी और उत्पादन क्षेत्रों के परस्पर संबंध का महत्वपूर्ण योगदान है । केन्द्रीय रेशम बोर्ड ने रेशम उत्पादन क्षेत्र में देशी स्तर और विदेशीमुद्रा की आमदनी दोनों ही स्तर पर अपार संभावनाओं की पहचान की है । रेशम उद्योग कार्पोरेट सेक्टर के समन्वयन से काम कर सकता है जिससे कि हाल में उपार्जित तकनीकी प्रौद्योगिकी का बेहतर लाभ उठाकर गुणवत्ता युक्त रेशम उत्पादन में आत्म निर्भरता प्राप्त करते हुए समग्र रेशम उत्पादन में क्रांति लाई जा सके । कारपोरेट क्षेत्र के पास उपलब्ध पेशेवर ज्ञान, व्यापक निवेश की क्षमता, संसाधनों का निर्माण और उसके बेहतर उपयोग की क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार किया जा सकता है । रेशम अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी केंरेअप्रसं, मैसूरु बड़े पैमाने पर रेशम उत्पादन के प्रचालन हेतु प्रौद्योगिकी और श्रमशक्ति द्वारा मदद कर सकता है ।
रेशम उद्योग में बड़े उत्पादन घराने निम्नलिखित अवसरों का लाभ उठा सकते हैं :-
उपर्युक्त लाभपूर्ण विशेषताएँ बहुआयामी रेशम उत्पादन प्रकृति के अनुरूप एवं विविध कृषि जलवायुवीय और सामाजिक आर्थिक स्थितियों के अनुकूल है । व्यापक लाभांश और अपार संभावनाओं के कारण कारपोरेट कंपनी, पार्टनरशिप कंपनियाँ और शिक्षित युवा रेशम उत्पादन की बहुआयामी गतिविधियों से बड़े पैमाने पर आकर्षित हुए हैं ।
व्यवहार्यता पर अध्ययन
योजनाओं का निर्माण
सर्वेक्षण और अग्रणी परियोजनाओं की शुरुआत ।
परियोजना मूल्यांकन
तकनीकी / प्रबंधन परामर्श
तकनीकी हस्तांतरण
अनुसंधान और विकास
प्रशिक्षण
बाजार अनुसंधान
अनुवीक्षण और मूल्यांकन अध्ययन
गैर सरकारी संगठनों का मूल्यांकन
उत्पाद परीक्षण और श्रेणीकरण सेवाएं
जनसंपर्क सेवाएँ
अनुवर्ती परामर्शी सेवाएं
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